
कलेक्टर ने की ग्रामीण विकास कार्यों की समीक्षा
📝🎯खरगोन से अनिल बिलवे की रिपोर्ट…
कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने 22 अप्रैल को जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, सहायक यंत्रियों एवं सहायक परियोजना अधिकारियों की बैठक लेकर ग्रामीण विकास कार्यों की विस्तार से समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश सिंह एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री उपस्थित थे।
न्यायालयीन प्रकरणों में समय सीमा में जवाब दावा प्रस्तुत करें
बैठक में सर्वप्रथम ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गई। इस दौरान बताया गया कि खरगोन जिले के 204 प्रकरण उच्च न्यायालय में चल रहे हैं। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने इन प्रकरणों में जवाब दावा समय सीमा में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिये और कहा कि इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिए। पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा 89 एवं 40 के तहत दर्ज प्रकरणों का शीघ्रता से निराकरण करने के निर्देश दिये गए। जिन प्रकरणों में राशि की वसूली की जाना है, उनमें जिम्मेदार व्यक्ति से सख्ती से राशि वसूल करने के निर्देश दिए गए।
लेबर बजट के उपयोग के आधार पर लिखी जाएगी सीआर
मनरेगा के कार्यों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि खरगोन जिले में 01 लाख 91 हजार 833 जाब कार्ड है। इनमें 02 लाख 93 हजार 382 सक्रिय श्रमिक है। वर्तमान में मनरेगा के कार्यो में 01 लाख 62 हजार 828 श्रमिक नियोजित है। इनमें से 3342 श्रमिक 100 दिनों का रोजगार पूर्ण कर चुके हैं। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने इस दौरान सभी जनपद सीईओ, सहायक यंत्री एवं एपीओ को सख्त निर्देश दिये कि मनरेगा कार्यों के लेबर बजट का 90 प्रतिशत से अधिक उपयोग किया जाए। जिन जनपद पंचायतों में लेबर बजट का 90 प्रतिशत से कम उपयोग पाया जाएगा, उनके सीईओ, सहायक यंत्री एवं एपीओ की (गोपनीय चरित्रावली) सीआर अच्छी नहीं लिखी जाएगी और एक सप्ताह के भीतर प्रगति नहीं आने पर संविदा उपयंत्री एवं एपीओ की विभागीय जांच प्रारंभ कर सेवा से पृथक करने की कार्यवाही की जाएगी। जनपद पंचायत बड़वाह, सेगांव एवं भीकनगांव में लेबर बजट का उपयोग 80 प्रतिशत से कम पाया गया है। इसमें शीघ्रता से सुधार करने के निर्देश दिये गए।
मस्टर रोल जारी नहीं करने वाले रोजगार सहायकों की सेवा समाप्ति की कार्यवाही होगी
जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत कूप रिचार्ज, खेत तालाब, अमृत सरोवर निर्माण के कार्यों की समीक्षा की गई। इस दौरान कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत कार्यों का स्थल चयन शीघ्रता से किया जाए। कार्य का चयन होने के पश्चात उसकी टीएस (तकनीकी स्वीकृति) एवं एएस (प्रशासकीय स्वीकृति) एक ही दिन में जारी हो जाना चाहिए। एएस जारी होने के अगले दिन जियो टेगिंग हो जाना चाहिए और मस्टर रोल भी जारी हो जाना चाहिए। मस्टर रोल जारी कराना सभी एपीओ की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। जिन ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा मस्टर रोल जारी करने में लापरवाही बरती जाएगी, उनके विरूद्ध सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने सभी जनपद सीईओ से कहा कि पिछले 10 दिनों में एक भी मस्टर रोल जारी नहीं करने वाले ग्राम रोजगार सहायकों की सूची कार्यवाही के लिए प्रस्तुत करें।
कूप रिचार्ज के सभी कार्यों की 30 अप्रैल तक जियो टेगिंग करें
बैठक में बताया गया कि जिले में कूप रिचार्ज के 3900 कार्य करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 1797 का स्थल चयन कर लिया गया है तथा 571 की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर 173 कार्यों की जियो टेगिंग हो गई है। इनमें से 113 कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने कूप रिचार्ज के कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की और सख्त निर्देश दिये कि 26 अप्रैल तक सभी कार्यों का स्थल चयन हो जाना चाहिए और 30 अप्रैल तक सभी कार्यों की जियो टेगिंग हो जाना चाहिए।
खेत तालाब योजना के अंतर्गत जिले में 1254 खेत तालाब का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 745 का स्थल चयन किया जा चुका है और 412 कार्यों की टीएस, 358 कार्यों की एएस, 67 कार्यों की जियो टेगिंग हो चुकी है तथा 31 कार्यों में मस्टर जारी किये जा चुके हैं। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने झिरन्या विकासखण्ड में 96 कार्यों की एएस होने के बाद मात्र 02 कार्यों की जियो टेगिंग होने तथा गोगांवा विकासखण्ड में 36 कार्यों का स्थल चयन होने के बाद भी मात्र 01 कार्य की टीएस व एएस होने पर नाराजगी जाहिर की। अमृत सरोवर योजना में 27 के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक मात्र 23 कार्यों का स्थल चयन किया जाना बताया गया।
जल संरक्षण के 05-05 अच्छे कार्य चिन्हित करें
कलेक्टर सुश्री मित्तल ने तालाब, चेक डेम, रिचार्ज पिट, कूप निर्माण, परकोलेशन टेंक एवं खेत तालाब के पुराने अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं, उनके पूर्णता प्रमाण पत्र शीघ्रता से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। तालाब निर्माण के जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं, उन्हें राजस्व रिकार्ड में अनिवार्य रूप से दर्ज कराने कहा गया। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने सभी जनपद सीईओ को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्र में जल संरक्षण एवं बावड़ियो जिर्णोद्धार के कम से कम 05 अच्छे कार्य चिन्हित करें और उन्हें व्यक्तिगत रूचि लेकर पूर्ण कराएं। यह कार्य ऐसे होने चाहिए जिसमें कार्य प्रारंभ करने के पूर्व की फोटो एवं कार्य पूर्ण होने के बाद की फोटो में स्पष्ट अंतर नजर आना चाहिए।
जो समूह सक्रिय नहीं हो उन्हें निरस्त किया जाए